हम सब लोग एक लंबे वक्त से देख रहे है कि किस तरह से इन बदलते हुए वक्त में लोगो का जीवन पूरी तरह से असामान्य हुआ है और ये चिंता से भरा हुआ भी है और इसके पीछे का सबसे बड़ा कारक माना जा रहा है चीन। एक तरफ वो भारत के खिलाफ एलएसी पर उल्टी हरकते कर रहा है तो दूसरी तरफ बार बार ताइवान और वियतनाम को भी परेशान पर परेशान किये जा रहा है।
दक्षिण कोरिया और फिलीपीन्स को भी लगातार चीन से खतरा हो रहा है और इसी के चलते हुए अमेरिका ने एक बड़ा फैसला किया है जिसके तहत वो अपने सैनिको की बड़ी संख्या यूरोप के जर्मनी से हटाकर एशिया में तैनात करने जा रहा है, इस बारे में जानकारी अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोमपियो ने दी है।
उनकी माने तो कुल 9500 अमेरिकी सैनिक अब जर्मनी से हटाकर के एशिया में तैनात किए जाएंगे। रिपोर्ट्स की माने तो ये तैनाती अमेरिका के डिगोरशिया नाम एक ठिकाने पर हो सकती है या फ़िर अगर ताइवान अनुमति देगा तो ताइवान में भी अमेरिकी सेना का एक नया ठिकाना बनाया जा सकता है। अमेरिका का कहना है कि हम अपनी फोर्सेज को इन तरह से डिप्लॉय करेंगे कि वो चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी का अच्छे तरीके से पूरे संसाधनों के साथ मुकाबला कर सके। अमेरिका के इन कदमो से चीन बुरी तरह से असहज हो गया है जबकि भारत के लिए ये एक अच्छा संकेत है क्योंकि अमेरिका की फोर्सेज आने से चीन का प्रभाव आस पास के इलाकों में काफी ज्यादा कम हो जाएगा।
अब अमेरिका का ये कदम कही न कही अप्रत्यक्ष रूप से ही सही लेकिन भारत की मदद करने वाला साबित हो रहा है जिसके चलते अब एशिया में अच्छा खासा पावर बैलेंस बन जायेगा और चीन की ज्यादतियों पर भी रोक लगेगी