ऑफिस जाता है और बिजली का काम करता हैउसका नाम एम हनुमंथप्पा है और वह शिवमोग्गा जिले के मंगोटे गांव का रहने वाला है। वह लगभग हर दिन मेसकॉम (मैंगलोर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी लिमिटेड) के कार्यालय में मिक्सर, जार और कुछ मोबाइल चार्जर ले जाता है, अन्यथा कोई उसे फेंक देता है। ऑफिस में मसाले पीसने के लिए वह मिक्सर का इस्तेमाल करते हैं। सभी मोबाइल चार्ज करता है। दूसरे शब्दों में कहें तो बिजली से संबंधित सभी कार्य कार्यालय में भोर के समय ही किए जाते हैं। और हां, कोई आधिकारिक आपत्ति नहीं है। क्या है इसके पीछे की पूरी कहानी?
यह सब 10 महीने पहले शुरू हुआ जब हनुमंथप्पा ने शिकायत की कि उनके घर में बिजली नहीं है। उनके परिवार को दिन में 3-4 घंटे ही बिजली मिलती है। महीनों की दौड़-धूप के बाद भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। इस सब से तंग आकर हनुमंथप्पा ने मेस्कॉम के एक वरिष्ठ अधिकारी को फोन किया और बताया कि कैसे बिजली के बिना बुनियादी दैनिक गतिविधियां नहीं की जा सकतीं। अधिकारी ने गुस्से में हनुमंथप्पा से कहा कि वह मेस्कॉम कार्यालय में ऐसा कर सकता है!
जल्द ही समस्या का समाधान होगा
तो क्या… हनुमंथप्पा अधिकारी के मामले को गंभीरता से लेते हैं और उनकी सलाह के अनुसार हर दिन मेसकॉम के कार्यालय पहुंचते हैं। News18 के मुताबिक, मेस्कॉम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बारिश के कारण आईपी सेट चार्ज नहीं हो सके। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि आदमी को एक महीने के भीतर उचित बिजली मिल जाएगी।